सभी लोग सताते हैं कोई प्यार नहीं करता अब धैर्य रखने को कोई साहस नहीं भरता धीरे-धीरे में टूटता जा रहा हूं आजकल मेरे तकलीफों का कोई खबर नहीं रखता रुख मोड़ लेती है ऐसे जैसे मैं अजनबी हूं दिल दुखता है उसके वादों को सोचकर उसे शिद्दत से चाहा था आंखों में आंसू दे गई मुलाकातों में इतने फासले क्यों होते जा रहे हैं किसी बात से गुस्सा हो या फिर कोई और बात है
Shayari sangrah | Hindi shayari